समझती हूँ मैं उन समुद्रों की लहरो को समझती हूँ मैं उन अनजान चेहरों को समझती हूँ मैं उनके ग़मो को समझती हूँ मैं उन खिलखिलाते चेहरों को समझती हूँ मैं उनके संघर्षो को समझती हूँ मैं नकाब के पीछे के चेहरे को समझती हूँ सबकी ज़रूरतें मैं समझती हूँ सबके मतलब मैं समझती हूँ हर एक बात को हाँ , लेकिन कभी - कभार अनजान बनती हूँ मैं क्योंकि , कितनी दूर और वो मुझे साथ ले कर चलेंगे , देखना चाहती हूँ मैं देखना चाहती हूँ उनके मतलबी एहसास को देखना चाहती हूँ अपनी ख़ामोशियों को देखना चाहती हूँ...