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Showing posts from September, 2018

My Journaling Story

People get into journaling for various reasons, some for healing/creativity/dreams and others to pen down their feelings/routine/goals but sometimes to experiment/explore the world of creativity and this is what I did. I was in the first year of my college in 2016 when I discovered about  ''Journal Writing'' on youtube and my monkey mind was jumping from one thought to another and some questions popped up in my mind What is journal writing? What do people pen down? Why are people so enthusiastic about journaling?  How to make use of journal? I went through scads of videos and after investing an  uninterrupted night on Youtube, I researched more for couple of days and when I finally reached to the  excitement  mountain and got answers to my questions I straight away ordered my very first expensive journal  from Amazon India  which costed me approx Rs.550 If, your curious mind have raised any question such as "Has journaling chang...

गुरु

बचपन से उम्रभर साथ निभाती है माँ अपने आँचल में छुपाकर हर मुश्किल से बचाती है माँ बोलना व चलना सिखाती है माँ  इसीलिए  पहली गुरु कहलाती है माँ अच्छे स्कूल व शिक्षा दिलवाते हैं बाबा अपनी नसीहतों से हर आने वाली आंधी से बचाते हैं बाबा अपने गुस्से के पीछे का प्यार छुपाते हैं बाबा इसीलिए सबसे कठोर कहलाते हैं बाबा स्कूल में माँ की तरह ख़याल रखती हैं अध्यापिका मुझे हर अच्छे व बुरे दोस्त में फर्क करना सिखाती हैं अध्यापिका मेरी ग़लतियों को नज़रअंदाज़ न करके मुझे एक सही राह दिखाती हैं अध्यापिका इसीलिए सबसे अच्छी दोस्त और माँ का दूसरा रूप कहलाती है अध्यापिका कॉलेज में नई दुनिया, नए लोग, और नई आज़ादी से मैं कहीं भटक ना जाऊँ इसीलिए मुझे मेरे दायरें में रहना सिखाते हैं मेरे अध्यापक हर सही व ग़लत के बीच में अंतर करना सिखाते हैं मेरे अध्यापक इसीलिए बाबा का दूसरा रूप कहलाते हैं अध्यापक और मैं हर उस शख़्स की शुक्रगुज़ार हूँ जो मुझे कुछ नया सिखा जाते हैं हर रोज़ क्योंकि गुरु की भूमिका निभा जाते हैं वे लोग।। आप सभी को  अध्यापक दिवस की शुभकामनाएं।